



योग की भाँति यज्ञ को भी अपनाएगा विश्व- डॉ. मोक्षराज

योग कक्षा व आर्यसमाज के कार्यक्रम में सम्मिलित हुए पूर्व राजनयिक
निम्बाहेडा। किसी भी देश की सॉफ़्ट पावर का अर्थव्यवस्था, व्यापार तथा सांस्कृतिक संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ता है । भारत के विषय में वर्षों तक पाश्चात्य मीडिया एवं तथाकथित इतिहासकारों ने ग़लत छवि प्रस्तुत की है, जिसके कारण भारतीयों को यथेष्ट सम्मान नहीं मिलता था, किन्तु अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के विश्वव्यापी समारोहों के उपरांत भारतीय नागरिकों के प्रति अन्य देशों में रहने वाले लोगों का दृष्टिकोण बदला है।
उक्त विचार अमेरिका स्थित भारतीय राजदूतावास वाशिंगटन डीसी में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक एवं भारतीय संस्कृति शिक्षक रहे डॉ. मोक्षराज ने पतंजलि योग समिति द्वारा संचालित नि: शुल्क योग कक्षा में व्यक्त किए ।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार योग के माध्यम से करोड़ों लोगों के जीवन में रचनात्मक परिवर्तन आया है, इसी प्रकार अग्निहोत्र भी भारतीय मनीषा का श्रेष्ठ अनुसंधान है। यज्ञ आने वाले समय में पूरे विश्व को अपने सुखद परिणामों से अचम्भित करेगा । यज्ञ भारत की प्राचीन परंपरा है, जिसका धार्मिक एवं वैज्ञानिक आधार भी है ।
आर्यसमाज निम्बाहेड़ा द्वारा किए जाने वाले अग्निहोत्र एवं सत्संग कार्यक्रम में भी डॉ. मोक्षराज ने मुख्य अतिथि के रूप में उद्बोधन देते हुए कहा कि तप स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान ही क्रिया योग है । हमें अपने जीवन में मान-अपमान, निंदा-स्तुति, जय-पराजय से ऊपर उठकर आत्मनिरीक्षण करना तथा वेदों के अध्ययन एवं ईश्वर के प्रति समर्पण में मन लगाना चाहिए ।
योग एवं यज्ञ संयोजक, युवा भारत राजस्थान पश्चिम के प्रभारी विक्रम आँजना ने बताया कि विधायक रमीला हुरतिंग खडिया के दिवंगत भाई के निमित्त आयोजित शोक सभा से लौट रहे पूर्व राजनयिक एवं भारतीय संस्कृति शिक्षक डॉ. मोक्षराज शनिवार को कुछ समय निम्बाहेड़ा में ठहरे ।
योग कक्षा एवं यज्ञ सत्संग कार्यक्रम में शिवलाल आंजना, मोहनलाल पुष्प, शोभालाल, आर्य, भरत आर्य, रतनलाल राजोरा, आर्यसमाज की प्रधाना शिखा शारदा, प्रकाश धाकड, अरविंद आर्य आदि उपस्थित थे ।